HTTP और HTTPS क्या है |

जब भी हम कोई नई Domain खरीदते है तो उस डोमेन में जब हम कोई वेबसाइट को होस्ट करते है तो इसके लिए एक डोमेन की जरुरत होती है। जब भी हम अपने ब्लॉग या पोस्ट को होस्ट करते है तो हम चाहते है की मेरा ब्लॉग का पोस्ट सुरक्षित रहे तथा कोई भी हैकर मेरे ब्लॉग को हैक ना कर पाए। जिसके लिए हमें एक SSL सर्टिफिकेट की जरुरत होती है जिसे हम https के नाम से भी जानते है। जिसमे https इनस्टॉल करते ही ब्लॉग अथवा वेबसाइट secure हो जाता है। जिसमे http का फुल फॉर्म ( hyper text transfer protocol ) तथा https का फुलफॉर्म ( hypertext transfer protocol secure ) होता है।
HTTP और HTPPS में क्या अंतर है |

Number 1.
http का फुल फॉर्म hyper text transfer Protocol होता है।
https का फुल फॉर्म hypertext transfer Protocol सिक्योर होता है।
Number 2.
http में डाटा सुरक्षित नहीं होता है।
https में डाटा हमारा सुरक्षित होता है।
Number 3.
वेबसाइट अथवा ब्लॉग में http रहता है तो है तो वेबसाइट का देता हैक होने की संभावना होती है।
वेबसाइट अथवा ब्लॉग में https लगा रहता है तो वेबसाइट का डाटा हैकर हैक नहीं कर सकता है क्यों की डाटा इनक्रिस्टेड फॉर्म में होता है।
Number 4.
वेबसाइट में https लगा होता है तो वेबसाइट गूगल सर्च की नजर में एक ऑथोराइज़े ब्लॉग समझता है।
अगर वेबसाइट में http लगा होता है तो तो गूगल उसे ऑथोराइज़े ब्लॉग नहीं समझता है।
Blog और Website में जब HTTPS लगाने से क्या लाभ है |
जब भी हम अपना Blog अथवा Website बनाते है और हम चाहते है कि इससे हम आने वाले समय में इस ब्लॉग से पैसे कमाए। इसके लिए हमें अपने ब्लॉग को सुरक्षित रखना जरुरी है। सुरक्षित रखने के लिए अपने ब्लॉग में हमें http को लगाना जरुरी हो जाता है। https को हम SSL Certificate कहते है तथा इस SSL Certificate को install करते है।
जब भी हम अपने ब्लॉग या वेबसाइट में https लगते है। तो गूगल की नजर में https लगा हुआ ब्लॉग एक secure ब्लॉग Post के रूप में मापा जाता है। जिससे google यह तय कर पता है कि हमारे ब्लॉग का data सुरक्षित है तथा कोई भी Hacker ( हैकर ) हमारे देता को हैक नहीं कर पता है। इसका कारण यह है कि Blog का कंटेंट इन्क्रीटेड फॉर्मेट में सेंड किया जाता है। जिसके कारण हैकर यह तय नहीं कर पता है कि डेटा में क्या है। जिसके कारण हमारा Blog का Post सुरक्षित रहता है।
HTTPS काम कैसे करता है |

जब भी कोई user अपने ब्राउज़र कुछ भी सर्च करता है तो वह request server में जाता है। वह सरवर से दिया हुआ content इन्क्रिप्टेड फॉर्मेट में सरवर से यूजर के पास जाता है। डिक्रिप्ट होकर फिर से यूजर के पास जाता है। इन्क्रिप्ट और डिक्रिप्शन के बाद कोई भी हैकर डाटा तो हैक नहीं कर पता है।